UP New Expressway (यूपी न्यू एक्सप्रेसवे) : उत्तर प्रदेश में अधोसंरचना के विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए 594 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 36,249 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिससे राज्य के 12 जिलों को सीधा फायदा मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे सिर्फ सड़क ही नहीं बल्कि एक आर्थिक रीढ़ बनने वाला है, जो कई लोगों की जिंदगी बदल सकता है।
UP New Expressway किन 12 जिलों को होगा फायदा?
इस मेगा प्रोजेक्ट से यूपी के 12 जिले सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। ये जिले निम्नलिखित हैं:
- गाज़ीपुर
- मऊ
- आजमगढ़
- अंबेडकर नगर
- सुल्तानपुर
- अयोध्या
- बाराबंकी
- उन्नाव
- रायबरेली
- फतेहपुर
- कौशांबी
- प्रयागराज
ये सभी जिले औद्योगिक और व्यावसायिक रूप से तेजी से विकसित हो रहे हैं। एक्सप्रेसवे बनने के बाद इन जिलों में न सिर्फ कारोबार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी और रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे।
यूपी न्यू एक्सप्रेसवे : कैसे बदलेगी एक्सप्रेसवे की वजह से इन जिलों की तस्वीर?
इस एक्सप्रेसवे से कई बड़े फायदे होंगे:
1. रोज़गार के नए अवसर
- निर्माण कार्य के दौरान हजारों लोगों को नौकरी मिलेगी।
- एक्सप्रेसवे के किनारे लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और ढाबों का विकास होगा, जिससे स्थानीय स्तर पर व्यापार बढ़ेगा।
- इससे ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म इंडस्ट्री को भी बूस्ट मिलेगा।
2. भूमि की कीमतों में इजाफा
- जिस रास्ते से एक्सप्रेसवे गुजरेगा, वहां की ज़मीनों की कीमत में उछाल आएगा।
- किसानों को जमीन बेचने या लीज़ पर देने से बड़ा आर्थिक फायदा होगा।
3. कृषि और व्यापार को बढ़ावा
- किसानों के लिए बड़े शहरों तक अपनी फसल को पहुंचाना आसान होगा।
- व्यापारियों को माल ढुलाई में कम समय लगेगा, जिससे ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट भी घटेगी।
4. पर्यटन और धार्मिक स्थल होंगे लाभान्वित
- अयोध्या जैसे धार्मिक स्थल तक पहुंचना आसान होगा, जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
- होटल, रेस्टोरेंट और टूरिज्म इंडस्ट्री में नए इन्वेस्टमेंट के मौके बनेंगे।
एक्सप्रेसवे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां
विशेषता | विवरण |
---|---|
कुल लंबाई | 594 किलोमीटर |
कुल लागत | 36,249 करोड़ रुपये |
प्रभावित जिले | 12 |
निर्माण शुरू | 2024 |
निर्माण पूरा | 2028 (अनुमानित) |
एक्सप्रेसवे टाइप | ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे |
संभावित गति सीमा | 120 किमी/घंटा |
यूपी में इंफ्रास्ट्रक्चर का बूस्ट क्यों है जरूरी?
यूपी एक विशाल आबादी वाला राज्य है, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर की महत्वपूर्ण भूमिका है। बेहतर सड़कों और हाईवे से:
- औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
- बेरोज़गारी में कमी आएगी।
- विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा।
- लोगों की जीवनशैली सुधरेगी।
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क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
1. किसान के नजरिए से
गाज़ीपुर के एक किसान रमेश यादव कहते हैं, “पहले हमें अपनी फसल मंडी तक ले जाने में काफी समय और पैसे खर्च करने पड़ते थे। एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह दिक्कत कम हो जाएगी।”
2. छोटे व्यापारी की राय
आजमगढ़ के एक छोटे व्यापारी संजीव गुप्ता बताते हैं, “हमारा बिजनेस पहले लोकल मार्केट तक सीमित था। लेकिन अगर तेज़ सड़क सुविधा मिलेगी, तो हम बड़े शहरों में भी अपना सामान बेच पाएंगे।”
3. रियल एस्टेट से जुड़े लोगों की प्रतिक्रिया
फतेहपुर के रियल एस्टेट कारोबारी पंकज वर्मा का कहना है, “एक्सप्रेसवे के आसपास ज़मीनों की कीमतों में तेजी से उछाल आएगा, जिससे निवेशकों को बड़ा फायदा होगा।”
क्या सरकार के लिए यह प्रोजेक्ट फायदेमंद होगा?
सरकार के लिए यह प्रोजेक्ट कई मायनों में फायदेमंद साबित होगा:
- टैक्स और टोल कलेक्शन से राजस्व बढ़ेगा।
- व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे जीडीपी ग्रोथ होगी।
- यूपी को देश के बड़े औद्योगिक हब में बदलने में मदद मिलेगी।
594 किमी लंबे इस मेगा एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने वाली है। रोजगार के नए अवसर, व्यापार को बढ़ावा, जमीन की बढ़ती कीमतें और पर्यटन में इजाफा – ये सभी फायदे इस प्रोजेक्ट को बेहद अहम बना देते हैं।
सरकार की इस पहल से न केवल 12 जिले बल्कि पूरा यूपी आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा। आने वाले समय में यह एक्सप्रेसवे लाखों लोगों के जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा और उत्तर प्रदेश को भारत के सबसे विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने में मदद करेगा।